
महाभारत कैसे लिखा गया ?
जब महर्षि वेद व्यास को महाभारत की एक बड़ी कहानी लिखना चाहते थे, तो उन्हें कोई लिखने वाला बुद्धिमान व्यक्ति लिए चाहिए था। उन्होंने अपनी सहायता के लिए श्री गणेश जी को चुना, और गणेश जी मान गए , लेकिन केवल तभी जब वे बिना किसी विराम के पूरी महाभारत लिख सकें।
गणेश जी ने कहा कि यदि तुम बोलना बंद कर दोगे तो वह भी लिखना बंद कर देंगे। गणेश जी ने कहा कि वे तभी लिखेंगे जब महर्षि वेदव्यास एक शर्त मानेंगे और वे मान गए।
वेद व्यास ने गणेश से एक कहानी लिखने में मदद करने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने कहा कि गणेश को वह सब कुछ समझकर लिखने का का वादा करना होगा जो वह लिख रहे हैं।
गणेश और वेदव्यास मिलकर एक बड़ी कहानी लिखने को तैयार हो गए।
वेदव्यास ने कहानी सुनानी शुरू की और गणेश ने उसे लिख लिया।लेकिन ऋषि व्यास इतनी तेजी से बोल रहे थे कि गणेश जी की कलम टूट गई क्योंकि वह इतनी तेजी से लिख रहे थे।
गणेश जी को एहसास हुआ कि वह बहुत घमंडी हो रहे थे और पूरी तरह से समझ नहीं पाए कि महर्षि कितने ज्ञानी है । तभी उन्होंने अपना एक दांत तोड़ दिया और स्याही में डुबाकर फिर से लिखना शुरू कर दिया।
जब कभी वेदव्यास थक जाते तो बड़ी कठिन पंक्तीया बोलते । गणेश को इसे समझने और लिखने में काफी समय लगता , इसलिए वेदव्यास विराम ले सकते थे।
महाभारत जैसी एक बहुत बड़ी कहानी लिखने के लिए महर्षि वेदव्यास जी और गणेश जी ने तीन साल तक कड़ी मेहनत करनी पड़ी ।